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सुशासन और बलिदान का पर्व: राष्ट्रीय जागरूकता के अनूठे कार्यक्रम

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सुशासन यात्रा और वीर बाल दिवस कार्यक्रम की रूपरेखा

25 दिसंबर सुशासन दिवस और 26 दिसंबर वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा

शिमला – एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, 25 दिसंबर को सुशासन दिवस और 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की योजना है। इस अवसर पर विभिन्न स्तरों पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य जनता को सुशासन और ऐतिहासिक बलिदानों के प्रति जागरूक करना है।

सुशासन दिवस कार्यक्रम की प्रमुख झलकियां

  • बूथ स्तर पर कार्यक्रम:
    • स्मृति सभाओं का आयोजन, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
    • युवा प्रतिभागी उनकी कविताओं का वाचन करेंगे और उनके योगदान पर चर्चा करेंगे।
    • वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को उनके अनुभव साझा करने और सम्मानित करने का अवसर मिलेगा।
  • मंडल स्तर पर सुशासन यात्रा:
    • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों पर झंडे और तख्ती के साथ 1-2 किलोमीटर लंबी यात्रा निकाली जाएगी।
    • क्षेत्रीय चौपाल में चर्चा की जाएगी, जिसमें सुशासन, विकास कार्य, और किसानों के लिए चल रही योजनाओं पर ध्यान केंद्रित होगा।
  • जिला स्तर पर प्रदर्शनी:
    • अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन और उनके योगदान पर आधारित विशेष प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
    • ब्लॉग और लेख प्रकाशित किए जाएंगे जो उनकी उपलब्धियों और प्रेरक व्यक्तित्व को उजागर करेंगे।

वीर बाल दिवस के कार्यक्रम

  • साहिबजादों की वीरता का स्मरण:
    • विशेष सभाओं का आयोजन, जिसमें साहिबजादों के चित्र प्रदर्शित किए जाएंगे और उनके साहस तथा बलिदान की गाथा साझा की जाएगी।
    • सामूहिक रूप से गुरुद्वारों में जाकर शब्द कीर्तन का आयोजन होगा।
    • प्रभात फेरी और बौद्धिक संगोष्ठी जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
  • शैक्षणिक गतिविधियाँ:
    • स्कूलों और कॉलेजों में भाषण प्रतियोगिता, विचार गोष्ठी, और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएंगी।

इन आयोजनों को सफल बनाने के लिए जिला और मंडल स्तर पर समितियों का गठन अनिवार्य है, जो वर्षभर इन कार्यक्रमों की देखरेख करेंगी। आयोजकों का उद्देश्य समाज के हर वर्ग को इन कार्यक्रमों से जोड़ना और राष्ट्रीय जागरूकता बढ़ाना है।

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