बेटा—बेटी को नौकरी दिलाने के नाम पर पिता से सवा लाख से ज्यादा ठगे

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सोलन : बेटा—बेटी को नौकरी दिलाने के नाम पर पिता से सवा लाख से ज्यादा ठगे
सोलन। चंडी मंदिर स्थित एमईएस में सुपरिटेंडेंट बनकर एक व्यक्ति ने सोलन के दामकड़ी गांव निवासी एक व्यक्ति को सवा एक लाख रुपये की धोखाधड़ी कर दी। यह रुपये उसने पीड़ित के बेटे को एमईएस में नौकरी पर लगाने का लालच देकर ऐंठे। अब एमईएस में पता करने पर मालूम हुआ कि आरोपी ने जो नाम उसे बताया था उस नाम का कोई व्यक्ति वहां नौकरी ही नहीं करता। हार कर पीड़ित पुलिस के पास पहुंचा।पुलिस ने केस दर्ज करके मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
सोलन के सदर पुलिस थाने से मिली जानकारी के अनुसार दामकड़ी निवासी देवेंद्र ठाकुर ने लिखित तहरीर देते हुए बताया कि उसके साढू भाई मनोहर लाल ने उसे लगभग पांच महीने पहले बताया था कि उसके गांव का निखिल ठाकुर एमईएस चण्डी मन्दिर में सुपरिटेंडेंट पद पर कार्यरत है। निखिल ने उसे जानकारी दी है कि एमईएस में कुछ भर्तियां निकली है। जिसमें कुछ पद आईटीआई या कोई
अन्य डिप्लोमा होल्डर्स के लिए हैं। उसकी एमईएस में अच्छी जान पहचान के कारण वह कुछ युवकों को नौकरी पर लगवा सकता है।
देवेंद्र ठाकुर का बेटा भी आईटीआई कर चुका था इस पर उन्होंने निखिल से बात करवाने के लिए अपने साढू भाई मनोहर से आग्रह किया। निखिल से बात करने पर निखिल ने उसे बताया कि वह अपने बेटे व बेटी के आईटीआई के प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज व्हाट्सअप के माध्यम से भेजने के लिए कहा। उसने अपने बेब व बेटी के सभी दस्तावेज उसे भेज दिए। अगले ही दिन निखिल ने उसे फोन पर जानकारी दी कि एमईएस के कर्नल साहब ने उसके दोनों बच्चों के दस्तावेज सत्यापित कर दिए हैं। आगे की प्रक्रिया को ठीक ढंग से चलाने के लिए निखिल ने देवेंद्र ठाकुर से 50हजार की मांग कर दी। जिस पर देवेंद्र ने निखिल
ठाकुर के दिए गए पर बैंक खाते में से 50 हजार रुपये स्थानांतरित करवा दिए । अगले दिन निखिल ठाकुर ने और पैसे देने को कहा तो देवेंद्र ने अलग- अलग तिथियों पर निखिल ठाकुर को गूगल पे के माध्यम से कुल एक लाख 22 हजार रुपये स्थानांतरित कर दिए।
इसके बाद जनवरी माह में निखिल ठाकुर ने व्हाट्सअप पर बेटे तपन का नियुक्तिपत्र भेज दिया। देवेंद्र के बेटे के चंडी मंदिर स्थित एमईएस कार्यालय में 3फरवरी से 13 फरवरी के मध्य रिपोर्ट करने के आदेश थे। साथ ही निखिल ठाकुर ने इसके फोन उठाने बन्द कर दिए । देवेंद्र ने पुलिस को बताया कि मनोहर लाल ने भी निखिल को रुपये दिए हैं।
बाद में जब उन्होंने एमईएस कार्यालय में पता किया तो मालूम हुआ कि वहां निखिल नाम का कोई भी आादमी काम नहीं करता है। देवेंद्र का कहना है कि निखिल ने उसके साथ धोखाधड़ी की है। सदर थाना पुलिस ने निखिल के खिलाफ केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है।

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